“डॉक्टर की खोज “
भगवानो मे बात चली,
अल्लाह अकबर भी सोच पड़े
सिख ईसाई भी परेशान खड़े
क्योंकि बात नही छोटी-मोटी
—
ये धर्म-अधर्म का खेल नही
ये चोर पुलिस या जेल नही
ये काम है जान बचाने का
किसी घर मे दीप जलाने का,
—
जो रख सके सलामत
उन नन्ही बिटिया की आशाओं को
जो जीवित रखे उन सभी पिताओ को
—
वो मनुष्य भले हो,
पर हो ईश्वरी शाखाओं का
मिलकर सबने लिया फैसला
नाम दिया अनमोल बड़ा
तबसे “डॉक्टर”नाम मिला।
—
श्वेत कवच धारण कर
हर मुश्किल से लड़ जाते हैं
बिमारियाँ तो कुछ नही
यमराज से भी भिड़ जाते है
वॉइलेंस जैसी घटनाओ को
बिन शिकायत पी जाते हैं।
—
” अरे डॉक्टर साहब देखिये ज़रा “
इतने मे ही पिघल जाते
हर रोज निकल कर चल पढ़ते है
—
मौत और जिंदगी के बीच
दीवार बनने चल पढ़ते हैं
आइये हम सब मिलकर
सभी डॉक्टर को नमन करते हैं।
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Written By - Mr. Mandeep Yadav B.P.T Batch - 2020, Faculty of Physiotherapy & Allied Health Sciences